
जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
जैन संस्कार विधि से तप संपुष्टि-तेयुप उधना
मोखुंदा राजस्थान निवासी, उधना (सूरत) प्रवासी श्रीमान छीतरमल जी गन्ना की धर्मपत्नी श्रीमती केसर देवी ने मास खमण (31 दिन) की तपस्या सानंद संपन्न की। उनके तप अनुष्ठान की संपन्नता का कार्यक्रम उनके निवास स्थान तेरापंथ भवन, उधना के समीप साईं रेसिडेंसी में समायोजित हुआ।
ह्रीं संस्कारक श्री अर्जुन जी मेड़तवाल एवं धी संस्कारक श्री ललित जी चंडालिया ने जैन संस्कार विधि के अंतर्गत संपूर्ण शास्त्रोक्त विधि से यह कार्यक्रम संपन्न करवाया।
नमस्कार महामंत्र के समवेत उच्चारण के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। श्रीमती केसर देवी एवं परिवारजनों द्वारा मंगल भावना यंत्र स्थापित करवाया गया। श्री संस्कारक श्री अर्जुनजी मेडतवाल ने मास खमण तपस्या को कर्म निर्जरा का अमोघ साधन बताते हुए श्रीमती केसरदेवी के मास खमण तप की अनुमोदना की। जैन संस्कारक श्री ललित जी चंडालिया ने जैन स्तोत्रों की महत्ता का प्रतिपादन किया। तेयूप उधना के मंत्री श्री विकास जी कोठारी ने तप अनुमोदना की। तेयुप पूर्व अध्यक्ष श्री विनोद जी भटेवरा ने अपने मंगल भावों की प्रस्तुति दी। जैन संस्कारक श्री अर्जुन जी मेडतवाल ने आध्यात्मिक दक्षिणा का आह्वान किया तो परिवार जनों ने बड़े उत्साह के साथ विविध त्याग प्रत्याख्यान स्वीकार किए। परिवार जनों की ओर से श्री छीतर मलजी गन्ना ने आभार ज्ञापन किया। तप अनुमोदना में पधारे हुए परिजनों और विशाल श्रावक समुदाय के चेहरे जैन संस्कार विधि से संपन्न इस कार्यक्रम को देखकर आह्लादित थे।