रूपांतरण शिल्पशाला के अन्तर्गत “आहार” कार्यशाला का आयोजन, बायतु
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल बायतु द्वारा रूपांतरण शिल्पशाला के अन्तर्गत “आहार” कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। सामूहिक नमस्कार महामंत्र से गोष्टी का शुभारंभ किया। महिला मण्डल मंत्री अनिता जैन ने प्रेरणा गीत से मंगलाचरण। महिला मंडल कोषाध्यक्ष कंचन मालू ने आज के विषय के बारे में जानकारी दी। “जैसा खावे अन्न , वैसा पावे मन” मुहावरे को कहानी के माध्यम से समझाया। जसोदा छाजेड़ ने कहा कि आहार ही जीवन है। आहार के बिना कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता। मनुष्य को कैसा, कब, कितना आहार लेना चाहिए। इस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मनुष्य को हित, मित और ऋतु के अनुसार आहार ग्रहण करना चाहिए। सात्विक और सुपाच्य भोजन से शारीरिक मानसिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। उनोदरी, रस्परित्याग, कायक्लेश, उपवास एकासंन जैसे छोटे त्याग का पालन करना चाहिए। किस पदार्थ के क्या खाना चाहिए और किस पदार्थ को नहीं जैसी जानकारी भी दी। इस कार्यशाला में “अ. भी. रा. शि. को” जैसे महातपस्वी की तपस्या, संलेखना, संथारे के बारे में बताया। महिला मंडल उपाध्यक्ष कविता भंसाली ने आहार के बारे में जानकारी देते हुए सब का आभार ज्ञापन किया। बहनों की उपस्थिति अच्छी रही।
समाचार प्रदाता- खुशाल ढ़ेलडिया
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