अणुव्रत काव्य धारा हुआ आगाज

 

विभीन्न श्रोताओं ने शानदार प्रस्तुतियां

 

27 फरवरी 2022

जसोल – अणुव्रत अनुशास्ता युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषि शिष्या समणी हंस प्रज्ञा, समणी मानस प्रज्ञा के सानिध्य में पुराना ओसवाल भवन, जसोल में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 74 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अणुव्रत काव्य धारा कार्यक्रम आगाज हुआ। आयोजित

सर्व प्रथम समणी हंस प्रज्ञा ने नमस्कार महामन्त्र के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, मंगलाचरण महिला मंडल एवं कन्या मण्डल ने व नवकार स्कूल की बालिकाओ ने अणुव्रत गीत से हुआ। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने प्रस्तुत किया। समणी हंस प्रज्ञा ने उद्बबोधन में कहा गणाधिपति गुऱूदेव श्री तुलसी ने इन्सान को इन्सानियत का रास्ता दिखाया उन्होने अपने जीवन में नये- नये कार्य किये जिस समय देश आजाद हुआ लेकिन आजादी के नाम पर देश में भ्रष्टाचार पनप रहा था। आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन के माध्यम से मानव को मानवता अपनाने का आवान किया। आज अणुव्रत स्थापना के 74 वें वर्ष मे अणुव्रत काव्य धारा का आयोजन किया गया है। संत तुलसी की अमूल्य देन हम सबको प्रेरित कर रही हैं। मुख्य अतिथि बालोतरा नगर परिषद की चेयरमैन श्रीमती सुमित्रा जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज वर्तमान युग की जटिल समस्या है, तनाव आज मानव तनाव की दुनिया में जी रहा है अनियमित दिनचर्या सामाजिक रितिरिवाजो का दबाव अणुव्रत काव्य धारा के द्वारा कार्यक्रम होना चाहिए जिससे इससे प्रेणा मिलती है। इस समारोह के अध्यक्ष डाक्टर राजेन्द्र जैन ने कहा कि व्यसनो से छुटकारा पाने के दो रास्ते है कानुन और हदय परिवर्तन कानून से मन पर नियंत्रण नही होता नियंत्रण के बिना व्यक्ति नशा मुक्त नहीं होता। समणी मानस प्रज्ञा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा नशा विनाश का द्वारा है बिड़ी सिगरेट पान पराग गुटका जर्दा आदि शरीर के लिए अत्यन्त घातक है। बच्चों को नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प कराए। विशिष्ठ अतिथि राष्ट्रीय संघ के समरसता संयोजक देवेंद्र माली, डाक्टर सिम्मी जैन ने अपने विचार व्यक्त किये। सुप्रसिद्ध कविगण ने अपने भावो द्वारा कवि अशोक प्रदीप, कमलेश चोपड़ा अमृतलाल बुरड़, सीए ओम प्रकाश बांठिया, सुरेश डोसी, शंकरलाल ढेलड़ीया, भुपतराज कोठारी, सफरू खांन आदि प्रबुद्धजनों ने अणुव्रत आचार संहिता कविताओ के द्वारा सबको प्रभावित किया। इस अवसर पर गौतमचन्द सालेचा, मोतीलाल जीरावला, भंवरलाल भंसाली, डुंगरचन्द सालेचा, डुंगरचन्द भन्साली बाबुलाल बोकड़ीया, चम्पालाल श्रीश्रीमाल, शान्तीलाल भंसाली पुष्पराज कोठारी, ईशवरसिंह ईन्दा, नरसिंग सोलंकी, भिखचन्द छाजेड़, डूंगरचंद बागरेचा, महावीर सालेचा प्रवीण भंसाली, जितेन्द्र माण्डोत, तरूण भंसाली सहित तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मण्डल, कन्या मण्डल एवं अणुव्रत समिति, नवकार स्कूल के सदस्य, विधार्थीगण एवं समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे

सभी आगुन्तक अतिथियो का स्वागत अणुव्रत दुपट्टा पहना कर व साहित्य के द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन अणुव्रत समिति के प्रभारी भूपतराज कोठरी ने किया।

5 thoughts on “अणुव्रत काव्य धारा हुआ आगाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *