सादर प्रकाशनार्थ

आसक्ति से मुक्त बनोगे तो जीवन में होगा आनंद ही आनंद — मुनि श्री मुनिसुव्रतकुमार जी

कामरेज प्रवास की संपन्नता पर मुनि श्री आलोक कुमार जी ने श्रावक-श्राविकाओं को दी जागरूकता की प्रेरणा

महातपस्वी युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री मुनिसुव्रतकुमार जी एवं मुनि श्री आलोककुमार जी कामरेज का प्रवास पूर्ण होने पर आज तेरापंथ भवन कामरेज से विशाल रैली के साथ विहार करके अवंतिका सोसाइटी में श्री पिंटू भाई गन्ना के निवास स्थान पर पधारे।

इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री मुनिसुव्रत कुमार जी ने बताया — प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य है मुक्ति। मुक्ति अर्थात मोक्ष मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध है आसक्ति। जितनी-जितनी पदार्थों के प्रति आसक्ति होगी उतना-उतना बंधन होगा। आसक्ति से सर्वथा मुक्त होने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले मुनि दीक्षा धारण करते हैं लेकिन प्रत्येक सभीके लिए यह संभव नहीं है। फिर भी प्रत्येक श्रावक आसक्ति को कम करने का प्रयत्न तो अवश्य कर सकता है। आप भी जितना-जितना आसक्ति से मुक्त होने का प्रयत्न करोगे उतना ही जीवन में आनंद उपलब्ध होगा।

  मुनि श्री ने आगे कहा -कामरेज में हमारा अच्छा प्रवास रहा। यहां पर पूज्य गुरुदेव की असीम कृपा से राजनगर निवासी कामरेज प्रवासी श्राविका श्रीमती कंचन देवी बडोला ने 34 दिनों की संथारा साधना सानंद संपन्न की। यहां मुनि श्री आलोक कुमार जी के साथ में हमने मर्यादा महोत्सव भी मनाया। सभी कार्यक्रमों में श्रावक समुदाय की अच्छी संभागिता रही। अच्छा उत्साह रहा। हमारा उधना एवं पर्वत पाटिया का चतुर्मास भी अच्छा रहा। हम सभी स्थानों के श्रावकों के प्रति उन्नत आध्यात्मिक जीवन की मंगल कामना करते हैं।

मुनि श्री आलोककुमार जी ने कहा – श्रावकों को अपने जीवन में संयम अपनाने की सतत कोशिश करनी चाहिए। संयम के लिए जरूरी है जागरूकता। आहार में, विहार में, उठने में, बैठने में, चलने में, बोलने में सर्वत्र संयम रहे इस हेतु जागरूकता आवश्यक है। जागरूकता होगी तो हिंसा से बचोगे और कर्मों के बंधन से भी बचोगे।

मुनि श्री मंगलप्रकाशजी, हेमकुमारजी लक्ष्यकुमारजी, और शुभमकुमारजी ने प्रासंगिक उद्बोधन दिए एवं कामरेज क्षेत्र के श्रावकों की अध्यात्म पीपासा की प्रशंसा की।

“अणुव्रत सेवी” प्रवक्ता उपासक श्री अर्जुनजी मेड़तवाल, श्री पिंटूजी गन्ना, श्री पंकजजी जैन आदि ने मुनि श्री के प्रति मंगल भावना प्रेषित की।

दौलतगढ़ निवासी सूरत प्रवासी श्रीमती पिस्ता देवी नौलखा का देहावसान हुआ। इस संदर्भ में उनके पति श्री चांदमल जी नौलखा एवं परिवारजन मुनि श्री के चरणों में उपस्थित हुए व आध्यात्मिक संबल प्राप्त किया।

 

*संकलन — अर्जुन मेड़तवाल*

*उपासक प्रभारी , तेरापंथी सभा, उधना (सूरत)*

 

*पूर्व प्रिन्ट मीडिया विभाग प्रमुख,*

*अणुव्रत महासमिति, नई दिल्ली*

 

*दिनांक : 13-2-2022*

 

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