कषाय भव भ्रमण का कारण है – मुनि डॉ. रजनीश कुमार

तेरापंथ महिला मंडल जसोल द्वारा कषाय कार्यशाला का आयोजन

 

जसोल – अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल जसोल द्वारा मुनिश्री डॉ. रजनीश कुमार के सानिध्य में रूपांतरण एक्सप्रेस के शक्ति स्टेशन पर कषाय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला का आगाज किया गया और मंगलाचरण प्रेरणा गीत से हुआ।

मुनिश्री डॉ. रजनीश कुमार ने कहा कि कषाय भव भ्रमण का कारण है। उसके हेतु है 4 कषाय — क्रोध, मान, माया व लोभ हैं। इन कषायो से व्यक्ति जीवन में विवेक का, विनय का, मृदुता का एवं ऋजुता का नाश होता है। तिर्यच गति के बंधन का एक कारण है। इन कषाय पर विजय पाने के लिए मुनिश्री ने उपाय भी बताए। प्रथम – क्रोध आने पर मौन रहे, वह स्थान छोड़ दे, निरंतर अनुप्रेक्षा का अभ्यास करे। दूसरा – मान पर विजय पाने के लिए प्लस वी थिंकिंग करे। सहनशील बने, छोटो को वात्सल्य व बड़ो को आदर, सम्मान करे। माया व लोभ पर विजय पाने के लिए। तीसरा – कटनी करनी में समानता लाए, ऋजुता के भावों का विकास करे, झूठ कपट से बचे, इच्छा का अल्पीकरण करे, बहुत जरूरी है। मन में संतोष धन का वर्धापन करे। चौथा – कषाय के अल्पीकरणे से ही भव भ्रमण की श्रृंखला को कम कर सकेंगे, और जीवन को सरल व सुखी बना सकेंगे। इस कार्यशाला में बहनों की उपस्थिति सराहनीय रही। संचालन व आभार ज्ञापन किया पूर्व मंत्री ललिता मेहता ने किया।

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