जसोल- श्रीमती तगीदेवी धर्मपत्नी स्व. श्री रतन चंद जी बोकड़िया जसोल का ऐतिहासिक व अद्भुत संथारा आज सीज किया।

ओम प्रकाश बोकड़िया ने बताया कि

3 दिसंबर स्व प्रेरणा से सूर्य की साक्षी से चौविहार संथारे का प्रत्याख्यान किया। 5 दिसंबर आचार्य प्रवर की आज्ञा से मुनिश्री धर्मेशकुमार व मुनिश्री स्वस्तिक कुमार द्वारा विधिवत् तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान करवाया। आचार्य श्री महाप्रज्ञ द्वारा सन् 2010 में श्रद्धा की प्रतिमूर्ति से संबोधित किया। आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा सन् 2018 में तपोनिष्ठ श्राविका से संबोधित किया गया। आपके जीवन में तपस्या- छः मासखमण मौन सहित ,13 वर्षीतप, 50-60 से भी ज्यादा अठाईयां, 11,12,13 आदि कई थोकडे, दीपावली पर तेला एवं उपवास, बेला,तेला अनगिनित शामिल हैं।

100 वर्ष की अवस्था में पूर्ण स्वस्थ बोलते चालते 9 दिसंबर को गुरुदेव की आज्ञा से समणी हंसप्रज्ञाने विधिवत चौविहार संथारे का प्रत्याख्यान कराया, जिसको स्वयं ने साथ-साथ उच्चारण कर पचखा।

शताब्दी की अवस्था में संभवतया पूर्ण जागरुकता व दृढ़ मनोबल से यह पहला संथारा सिवांची मालाणी में है।

साध्वी श्री अखिलयशा व मृदुयशा की संसार पक्षिय छोटी दादी सा है। एवं

समणी हंसप्रज्ञा की संसार पक्षिय भुआसा है।

उच्च परिणाम के साथ संथारा सानंद सीज गया हैं। जिसकी बेंकुंठी यात्रा आज सुबह मंगलवार को प्रातः 10.15 बजे निवास स्थान से रवाना होगी। ऐसे दीपते संथारे से धर्म संघ की बहुत प्रभावना हो रही हैं दर्शनार्थियों का तांता लग रहा है।

4 thoughts on “जसोल- श्रीमती तगीदेवी धर्मपत्नी स्व. श्री रतन चंद जी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *