श्रीमती तगीदेवी बोकड़िया ने चौविहार संथारा आज से दो रोज पहले ग्रहण किया।

 

जसोल – 05 दिसम्बर 2021

श्रद्धा की प्रतिमूर्ति श्रीमति तगीदेवी स्वः श्री रतनचंदजी बोकड़िया को मुनिश्री धर्मेशकुमार एवं मुनिश्री स्वास्तिक कुमार के सानिध्य में विधिवत चोविहार संथारा अपने परिवार जनों एवं सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में ग्रहण कराया।

मुनिश्री धर्मेशकुमार ने अपने उद्बोधन में कहा शरीर एवं आत्मा भिन्न है शरीर नश्वर है हमेशा आत्मा को शुद्ध बनाये रखे। श्रीमति तगीदेवी जीवन के 100 बसन्त देख चूकी है। आप ने पूरा जीवन मौन तपस्या ध्यान सामायिक में बिताया है। उनकी अटल अन्वर्त तपस्या को देख गुरुदेव ने श्रद्धा की प्रतिमूर्ति, श्रद्धानिष्ठ श्राविका उपाधि से अलंकृत किया। इस अवसर पर डूंगरचंद सालेचा ने साधुवृन्द एवं पधारे जनमान्यगणों का आभार व्यक्त किया। साथ ही उनके सुपुत्र ओम प्रकाश बोकड़िया, पूर्व सरपंच भंवर भंसाली, शान्तीलाल भंसाली, माणकचन्द संकलेचा, कान्तीलाल ढेलड़िया, गौतमचंद बोकड़िया, देवराज बोकड़िया, बाबुलाल बोकड़िया, डूंगरचन्द वडेरा, नीरज अन्याव, प्रवीण भंसाली, शुभाषचन्द्र चौपड़ा, आदि मौजूद थे।

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