पहला सुख निरोगी काया – मुनि धर्मेशकुमार
~~ तेयुप जसोल द्वारा एक दिवसीय दम्पति कार्यशाला का आयोजन
जसोल :- 17 नवम्बर 2021
तेरापंथ युवक जसोल के तत्वावधान में मुनि श्री धर्मेशकुमार के सानिध्य में एक दिवशीय दम्पति शिविर का आयोजन किया गया।
नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की गई और साथ ही मंगलाचरण किया गया। साध्वी प्रमुखा श्री द्वारा रचित गीत “स्वस्थ परिवार से… और तेयुप अध्यक्ष जितेन्द्र मंडोत ने अथितियों एवं सभी प्रतिभागीयो का स्वागत किया गया ।
मंत्री दिनेश वडेरा ने सेमिनार के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दम्पति की जोड़ी दुनिया मे एक महत्वपूर्ण रिश्ता है जिसमे इतनी शक्ति है कि वह धरती पर स्वर्ग या नरक का बसेरा कर सकती है। जिसमे सजोडो ने बडे उत्साह से भाग लिया।
मुनिश्री धर्मेंश कुमार ने फरमाया की पारिवारिक शांति के सात सुख होते हैं जिसने पहला शुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर मे हो माया, तीसरा सुख सुलक्षणी नारी, चौथा सुख बेटा हो आज्ञाकारी, पांचवा सुख सुस्थान वासा, छठा सुख सत्ता में हो पासा, सांतवा सुख बेंकुठवासा मतलब धर्म मे हो आस्था ! इन साथ गुणों पर चर्चा करते हुए कैसे हो दाम्पत्य जीवन सुखी विषय पर विस्तार पूर्वक बताया।
मुनि डॉ. विनोद कुमार व मुनि श्री यशवंत कुमार ने अपने वक्तव्य मे कहा कि परिवार समाज का सबसे छोटा ईकाई है। इसमे परिवार के लोगो का एक दूसरे से आपसी रिश्तो जुड़ा रहता है। सभी रिश्तो की अपनी गरिमा होती है। आपसी समझ से स्वर्ग या नरक बसा सकती है। जिस तरह इनके खेलो मे तालमेल दिखाया उसी तरह अपने जीवन मे भी एक दूसरे के साथ देना व हमेशा साथ रहना। इस कार्यशाला में संपतराज चौपड़ा, कांतिलाल ढ़ेलडिया, महेंद्र तातेड़, मितुल चौपड़ा, तरुण भंसाली, सहित तेयुप सदस्य, महिला मंडल सदस्य व अन्य लोग भी इस सेमिनार मे उपस्थित थे । आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष ललित सालेचा ने किया।
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