दिल्ली के आइआइटीयन और मध्यप्रदेश के हीरा व्यवसायी समेत 5 युवाओं ने श्रमण परंपरा के अनुसार ली दिगम्बर दीक्षा

मधुबन -सांसारिक सुख का त्याग कर 5 दीक्षार्थी भया रविवार को दिगंबरमुनि बन गए।108 मंत्रों से इन सभी का संस्कार किया गया। आचार्य 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ने इन्हें जैनेश्वरी दीक्षा दी। इसे लेकर पारसनाथ मधुबन स्थित 13 पंथी कोठी में बने भव्य पंडाल में भव्य समारोहपूर्वक दीक्षा महोत्सव सम्पन्न हुआ। समाराेह में हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु शामिल हुए। इसके साथ ही भगवान पार्श्वनाथ की तप स्थली एक बार फिर नमोस्तु शासन जयवंत से गूंज उठा। श्रमण संस्कृति को जागृत करते हुए देश के 5 युवा दीक्षार्थी जैनेश्वरी दीक्षा धारण करते हुए हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष वस्त्र का त्याग कर दिगम्बर मुनि बन गए। आचार्य भगवंत विशुद्ध सागर जी महाराज ने पांचों दीक्षार्थियों को दीक्षा देते हुए पांचों का नामकरण भी किया। कार्यक्रम में डिस्प्ले के लिए लगी एलईडी टूट कर जाने से थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया, हालांकि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई।

150 देशों में हुआ दीक्षा महोत्सव का लाइव प्रसारण

समारोह का लाइव प्रसारण 150 देशों में हो रहा था। कार्यक्रम में बंगाल, बिहार, उड़ीसा तीर्थ क्षेत्र कमेटी जो कार्यक्रम के आयोजक थे, उसके समस्त पदाधिकारीगण मौके पर उपस्थित थे। कार्यक्रम से पूर्व ट्रस्ट के महामंत्री सुरेश सेठी ने धर्म ध्वजा को फहराया। तत्पश्चात मंच पर आचार्य भगवंत विराग सागर जी महाराज व 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण किया गया।

दीक्षा के पश्चात आपके सामने सिर्फ चुनौती: विशुद्ध सागर जी

आचार्य 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन के माध्यम से दीक्षा से पूर्व दीक्षार्थियों से कहा कि अहो ब्रह्मचारियों अब भी आप सब के सामने समय है, दीक्षा के पश्चात आपके सामने सिर्फ चुनौती ही रह जायेगी। अहो योगीश्वरों मुनि बनना ही है तो ऐसा बनना की कभी भी भगवान महावीर की मुद्रा को कलंकित न होने देना। जिनशासन को सदा जयवंत करते रहना।

रविवार को समारोह के दौरान भीड़ उमड़ पड़ी। आकलन से अधिक लोग पहुंचे, लिहाजा लंबा चौड़ा पंडाल खचाखच भरा हुआ था। इस बीच तेरापंथी कोठी में आयोजित भव्य दीक्षा कार्यक्रम से पूर्व पांचों दीक्षार्थियों का केश लोच कर शाही स्नान करवाया गया।

अब इन नामों से जाने जाएंगे युवा दिगंबर मुनि

जिन लोगों ने दीक्षा ग्रहण की : दिल्ली के 27 वर्षीय आइआइटीयन अविरल भैया, अब मुनि श्री 108 निसंघ सागर जी महाराज मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के ब्रजपुर के हीरा व्यवसायी

46 वर्षीय ब्रजेस भैया अब मुनि श्री 108 निर्मोह सागर जी महाराज,मध्य प्रदेश इंदौर के रहने वाले और सरकारी अधिकारी के पुत्र

19 वर्षीय स्वातम भैया अब मुनि श्री 108 निर्ग्रन्थ सागर जी महाराजबड़े किसान परिवार के भोपाल के

36 वर्षीय संजय भैया अब मुनि श्री 108 निवृत सागर जी मुनिराज एवं मध्य प्रदेश के ही भिंड के

25 वर्षीय स्नातक अंकुश भैया अब मुनि श्री 108 निर्विकल्प सागर जी मुनिराज

अब इन नामो से जाने जाएगे

पांचों दीक्षार्थियों का दीक्षा संस्कार के पश्चात आचार्य भगवंत के द्वारा नव दीक्षित मुनियों के हाथ में पिच्छी कमंडल प्रदान किया इस अवसर पर कोडरमा समाज के उपाध्यक्ष कमल सेठी मंत्री ललित सेठी,सुरेन्द काला, सरोज पापड़ीवाल,मनीष सेठी संजय गंगवाल के साथ झारखंड के युवा सम्राट सुरेश झांझरी शामिल हुवे,संकलन कर्ता-अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी,राज कुमार जैन अजमेरा,नवीन जैन कोडरमा पत्रकार

2 thoughts on “दिल्ली के आइआइटीयन और मध्यप्रदेश के हीरा व्यवसायी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *