PRESS NOTE–सादर प्रकाशनार्थ
=========================
आचार्य तुलसी समग्र मानव जाति के उत्थान हेतु समर्पित युगपुरुष थे — मुनि श्री मुनिसुव्रतकुमारजी
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आचार्य श्री तुलसी का 108 वां जन्मदिवस *अणुव्रत दिवस* के रूप में पर्वत पाटिया, सूरत में मनाया गया।
◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●
अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी का 108 वां जन्मदिवस आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री मुनिसुव्रत कुमार जी स्वामी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, पर्वत पाटिया, सूरत में *अणुव्रत दिवस* के रूप में बड़े उल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर उपस्थित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री मुनिसुव्रत कुमार जी ने कहा – आचार्य श्री तुलसी युग प्रधान आचार्य थे। वे बड़े दूरदर्शी थे। उन्होंने समग्र मानव जाति के उत्थान हेतु समर्पित भाव से कार्य किया। उन्होंने अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन किया जो माननीय मानवीय मूल्यों के संवर्धन का विशाल एवं अद्वितीय अभियान बन गया। इस अभियान को हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई या कोई भी धर्म का धर्मावलंबी अपना सकता है, इसके साथ जुड़ सकता है। आचार्य श्री तुलसी ने आध्यात्मिक एवं सामाजिक दोनों क्षेत्रों में अनेक सुधार किए। क्रन्तिकारी परिवर्तन किए। उनका बहुत विरोध भी हुआ। लेकिन वे कभी विचलित नहीं हुए। विरोध के कड़वे घूंटों को वे हंसते-हंसते पी गए। वे कहते थे – “जो हमारा हो विरोध, हम उसे समझें विनोद।”। उनकी इस सकारात्मक विचार शैली ने ही उन्हें म्हणता के शिखर पर आरूढ़ कर दिया एवं देश की जनता के दिलों में स्थान दे दिया। उन्होंने प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, समण श्रेणी जैसे अनेक अवदान दिए।
मुनि श्री मंगल प्रकाश जी ने आचार्य तुलसी को विलक्षण आचार्य बताते हुए उनके बताए मार्ग पर अनुगमन करने की प्रेरणा दी। मुनि श्री शुभम कुमार जी ने कहा – आचार्य श्री तुलसी ने नशा मुक्ति का व्यापक अभियान चलाया और अनेक परिवारों को नशा मुक्त करते हुए उनके जीवन में नई रोशनी प्रकटाई। आचार्य तुलसी ने तेरापंथ की बुनियाद लगाई, उस पर आचार्य तुलसी ने बुलंद इमारत खड़ी कर दी। तेरापंथी सभा, पर्वत पाटिया के अध्यक्ष श्री कमल जी पुगलिया ने आचार्य श्री तुलसी को महान समाज सुधारक बताया। पूर्व अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद जी कोठारी ने अणुव्रत की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए। “अणुव्रत सेवी” श्री अर्जुन मेड़तवाल ने आचार्य श्री तुलसी के दूरदर्शिता पूर्ण अभिगम एवं क्रांतिकारी अवदानों की चर्चा करते हुए स्वरचित मुक्तकों द्वारा उन्हें भावांजली अर्पित की। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने आचार्य तुलसी को श्रद्धा- सुमन अर्पित करते हुए मधुर गीतिका की प्रस्तुति की।
◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆
*संकलन — अर्जुन मेड़तवाल*
*उपासक प्रभारी , तेरापंथी सभा, उधना (सूरत)*
*पूर्व प्रिन्ट मीडिया विभाग प्रमुख,*
*अणुव्रत महासमिति, नई दिल्ली*
*दिनांक : 8-11-2021*
🙏🙏🙏🌸 🌸 🌸🙏🙏🙏