अनेकांतवाद कार्यशाला का आयोजन, बाड़मेर

 

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित अनेकांतवाद कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल बाड़मेर द्वारा स्थानीय तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमणजी के शिष्य मुनि श्री स्वस्तिक कुमार जी व सवर्ती मुनि सुपार्श्व कुमार जी के सान्निध्य में आयोजित किया गया।

कार्यशाला का मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया गया। मुनि श्री स्वस्तिक कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा की भगवान महावीर ने अनेकांतवाद का जैन धर्म में आधारभूत सिद्धांत है अनेकांतवाद का अर्थ होता है कि जीवन में परिवर्तन करते हुए आगे बढ़ना आज जो कोरोना महामारी उसके बारे में हमने भूतकाल में नहीं सोचा था और वर्तमान समय में वैक्सीन इतनी जल्दी आएगी यह भी नहीं सोचा था ठीक उसी तरह हम बाहरी विचारों को सोचते हैं समझते हैं पर भीतर के विचारों को परिवर्तन नहीं करते अपनी बात को हम सही ढंग से प्रस्तुत करते हैं और की बातों को भी उस दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करना हीं अनेकांतवाद है। मुनि श्री सुपार्श्व कुमारजी ने कहा अनेकांतवाद का जितना भारी शब्द हे उसका अर्थ उतना ही सरल है अनेकांतवाद को हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं पर अनेकांतवाद नित्य प्रतिदिन कार्य करते हैं उसमें समायोजित कर सकते हैं। जैसे बाड़मेर में 2005 में बाढ़ आई लोगों ने सोचा कि बाड़मेर एक समय के लिए पीछे चला गया पर दूसरी दृष्टि से देखे तो संपूर्ण विश्व का ध्यान बाड़मेर की ओर आकर्षित हुआ और आज बाड़मेर तेल, कोयला, नमक, ग्रेनाइट, मुल्तानी मिट्टी जैसी अनेक प्राकृतिक भंडारों से विश्व में अपनी अनोखी छाप छोड़ता है ठीक उसी तरह हम अपने जीवन में अनेकांतवाद की विचारों को प्रतिदिन जीवन में उतारने का प्रयास करें। कार्यशाला का संयोजन के तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष ज्योति जैन ने किया। इस कार्यक्रम में महिला मंडल अध्यक्ष ज्योति जैन व मंत्री शिल्पा सालेचा व समस्त महिला मंडल के सदस्य व कन्या मंडल संयोजिका रुचिका जैन व समस्त कन्या मंडल के सदस्य उपस्थित हुए।

समाचार प्रदाता- खुशाल ढ़ेलडिया

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