तप ही जीवन का असली श्रृंगार : साध्वीश्री मंजुयशा

 

महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री मंजुयशाजी के पावन सानिध्य में न्यू तेरापंथ भवन बालोतरा में तेरापंथ सभा की ओर से अट्ठाइ तथा उससे ऊपर की तपस्या करने वाले तपस्वियों का तप अभिनंदन का कार्यक्रम रखा गया। तेयुप मंत्री नवीन सालेचा ने बताया कि इसमें करीब 175 भाई बहनों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण से हुई। तेरापंथ सभा मंत्री महेंद्र वैद ने सभी तपस्वी भाई बहनों और अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। साध्वीश्री मंजुयशाजी ने तपस्या का महत्व बताते हुए अपने मंगल उद्बोधन में कहा- चातुर्मास का समय अध्यात्म जागरण का होता है। इस समय साधु भगवंतों का आध्यात्मिक प्रवचन तो होता ही है । इसके साथ सभी में त्याग तपस्या व संयम की भावना भी प्रबल रहती हैं। श्रावकों में लम्बी तपस्या करने की भावना जागृत होती है। उन्होंने आगे कहा- सिवांची मालाणी का क्षेत्र अध्यात्म का क्षेत्र है। यह धर्म भूमि एवं तपो भूमि है। श्रावक-श्राविकाओं में ज्ञान दर्शन आदि के साथ तपस्या भी बहुत होती है। बालोतरा में भी एक अच्छा धार्मिक क्षेत्र है। चातुर्मास काळ में कई भाई बहनों ने अपने आत्मबल, मनोबल, संकल्प बल को दृढ़ बनाकर तपस्या के क्षेत्र आगे बढ़कर महान कर्मों की निर्जरा की है। इसमे 12 वर्ष की उम्र से लेकर 70 वर्ष के भाई बहनों ने अपनी शक्ति अनुसार अठाई नौ 15, मासखमण 54, 5.5 35, 31, 30 आदि की लम्बी तपस्या करके इसके साथ निरन्तर प्रवचन-प्रवण करना, सामायिक करना, प्रतिक्रमण करना, स्वाध्याय करना, आदि आत्मशुद्धि की प्रवृत्ति करके कर्मों को हल्का किया। यह सबके लिए अत्यन्त प्रेरणा का विषय हैं। साध्वीश्री जी ने सभी के प्रति हार्दिक मंगल कामना करते हुए तप के क्षेत्र और आगे गति प्रगति करने की प्रेरणा दी। उन्होंने एक प्रेरणास्पद सुमधुर गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।

 

इस अवसर पर तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री धनराजी ओस्तवाल ने सभी तपस्वियों के प्रति हार्दिक शुभकामना करते साध्वीश्री जी के प्रति हार्दिक आभार एवं कृतज्ञता ज्ञापित की। इस अवसर पर विधायक श्री मदन जी प्रजापत,नेमीचंद जी माली,धनराज जी घांची आदि कई राजनेता उपस्थित थे। श्री मदनजी प्रजापत ने कहा – जैन धर्म त्यागप्रधान संयमप्रधान धर्म है। इसके अनुयायी लम्बी तपस्या करके कर्मों को हल्का करते हैं। हर वर्ष में देखता हूँ बालोतरा में भी भाई-बहन लम्बे समय तक अपने मन को मजबूत बनाकर तपस्या करते हैं। इस बार भी तपस्या की इतनी लम्बी सुची देखकर बड़ा आश्चर्य होता है। साध्वी चिन्मयप्रभा,चारूप्रभाजी और इन्दुप्रभा जी ने अपनी भावनाएं व्यक्त की। तेरापंथ सभा की ओर से सभी अतिथियों और का सम्मान किया गया। मंगलपाठ से कार्यक्रम सानन्द सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन सभामंत्री महेन्द्र वैद ने किया।

समाचार प्रदाता- खुशाल ढ़ेलडिया

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