व्यक्तित्व विकास एवं उज्ज्वल भविष्य के निर्माण हेतु आवश्यक है नशा मुक्ति — अर्जुन मेड़तवाल

 

 

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत द्वारा लाजपोर सेंट्रल जेल में नशा मुक्ति दिवस का आयोजन हुआ।

जेल सुपरिंटेंडेंट श्री नरवड़े ने भी कैदियों को दी नशा मुक्ति की प्रेरणा

 

अणुव्रत विश्व भारती के तत्वावधान में देशभर में नैतिक मूल्यों के संवर्धन हेतु अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आयोजन हो रहा है। जिसके अंतर्गत अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत द्वारा आज पंचम दिन नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया गया।

 इस अवसर पर सूरत के नजदीक लाजपोर सेंट्रल जेल में कैदियों के विशाल समूह के समक्ष रचनात्मक नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता के रूप में वक्तव्य देते हुए अणुव्रत महासमिति के पूर्व राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार मंत्री श्री अर्जुन मेड़तवाल ने कहा – प्रत्येक व्यक्ति सुखमय जीवन जीना चाहता है। कोई व्यक्ति यह नहीं चाहता कि मेरे जीवन में दु:खों का प्रवेश हो। प्रत्येक व्यक्ति उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की चाहत रखता है। लेकिन व्यक्तित्व विकास एवं उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के मार्ग में अनेक अवरोधक बिंदु होते हैं । उनमेंसे एक है नशा। नशा अथवा व्यसन ऐसी बुराई है जो दूसरी अनेक बुराइयों को खींच कर लाती है। व्यक्ति एक बार नशे के दुष्चक्र में फंस जाता है, उसके बाद उससे बाहर निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। नशा करने वाला आदमी अपने तन, मन और धन की तो बर्बादी करता ही है, साथ ही परिवार को भी विनाश की तरफ ढ़केल देता है। समाज विकास एवं राष्ट्र विकास में भी नशा बहुत बड़ा अवरोधक तत्व है। अतः स्वाद चखने के लिए भी कभी नशा नहीं करना चाहिए, उससे सदा दूर ही रहना चाहिए।

 मुख्य अतिथि अणुव्रत विश्वभारती के उपाध्यक्ष श्री राजेश जी सुराणा ने कहा — नशा तो नाश का द्वार है। हम गाड़ी चलाते हैं, गाड़ी में ब्रेक और लाइट दोनों का होना जरूरी है। यदि ब्रेक और लाइट नहीं है तो उस गाड़ी से पग-पग पर अकस्मात की संभावना बनी रहती है। उसी प्रकार जीवन में भी नशा मुक्ति का संकल्प यदि नहीं होता है तो जीवन रूपी गाड़ी जोखिम रुप बन जाती है।

मुख्य जेल अधीक्षक श्री पी. जी.नरवडे ने कहा – नशा जीवन के लिए घातक है।बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू, शराब, गुटखा अादि की आदत आदमी को गुलाम बना देती है। इसलिए इनके बिना नहीं चलेगा ऐसी मानसिकता से बाहर आना सबसे पहले जरूरी है। नशे की गिरफ्त में आया हुआ आदमी जाने-अनजाने अपराध कर लेता है। आप सभी से भी ऐसी ही भूल हुई होगी, लेकिन यदि आप अपनी इस भूल के लिए पश्चाताप करोगे तो जीवन जरूर सुखमय बन जाएगा।

अणुव्रत समिति अध्यक्ष श्री विजय कांत खटेड़ ने स्वागत प्रवचन करते हुए अणुव्रत समिति का परिचय करवाया। परामर्शक श्री बालचंद जी बेताला ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया एवं सभी कैदियों को अणुव्रत एवं नशामुक्ति के संकल्प दिलवाए। अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री जयंतीभाई कोठारी ने नशा मुक्ति हेतु प्रेक्षा ध्यान के प्रयोग करवाए।

कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री श्री सुनील जी श्री श्रीमाल ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में श्रीमती मंजूबेन भंसाली एवं श्री राजेंद्र जी बरडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अणुव्रत गुजरात प्रभारी श्री अरविंद भाई शाह, अणुव्रत समिति के उपाध्यक्ष श्री राकेशजी चोरड़िया एवं श्रीमती सरोज सेठिया , सहमंत्री श्री रतनजी भलावत, संगठन मंत्री श्री प्रकाशजी छाजेड़, श्रीमती रंजूबेन दुगड़, श्री ज्ञानचंद जी कोठारी आदि उपस्थित रहे।जेल अधिकारी श्री नरवड़े एवं श्री श्रीमालीजी को अणुव्रत समिति द्वारा मोमेन्टो प्रदान कर सम्मानित किया गया।आभार ज्ञापन श्रीमती मंजुबेन भंसाली ने किया।

 

*संकलन — अर्जुन मेड़तवाल*

*उपासक प्रभारी , तेरापंथी सभा, उधना (सूरत)*

 

*पूर्व प्रिन्ट मीडिया विभाग प्रमुख,*

*अणुव्रत महासमिति, नई दिल्ली*

 

*दिनांक : 30-9-2021*

 

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